{ Pari Ki Kahani } 7 परियां और उनके जादुई उपहार बच्चों की कहानियां

Pari Ki Kahani

बहुत पुरानी बात है एक गाँव था जिसका नाम सुन्दर वन था उस गाँव में पन्ना नाम का एक लकडहारा रहता था.

वह आस-पास के जंगल में जाकर लकड़ी काटता था, और शहर जाकर उन लकड़ियों को बेचता था, इसी प्रकार वह अपने परिवार का गुजारा करता था.

परन्तु जब सभी जंगल ठेकेदार ने खरीद लिए जिसके कारण पन्ना वहाँ लकड़ी नहीं काट सकता था, और उसे कोई दूसरा काम भी नहीं मिल रहा था इसलिए वो परेशान हो गया.

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काम ना मिलने के कारण घर में खाने के लिए कुछ नहीं था, उसका परिवार भूखों मरने लगा, कभी कभी उसके परिवार के सदस्य भूखे भी सो जाते.

इसी कारण पन्ना और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहते थे, ना तो कोई काम ही मिल रहा था ना खाने को घर में कुछ था पन्ना की पत्नी ने पन्ना से कहा- सुनिए इस प्रकार तो हम भूंख से मर जायेंगे, इसलिए तुम कोई दूसरा काम ढूंढ लो.

तब पन्ना ने अपनी पत्नी से कहा में भी कुछ काम करना चाहता हूँ, लेकिन यहाँ हमारे गाँव में कोई काम ऐसा नहीं है जिसे में कर सकूँ, और हमें पेट भर खाना मिल सके.

में खुद काम तलाश करके थक गया हूँ,

पन्ना की पत्नी ने पन्ना से कहा, ”क्यूँ ना तुम शहर जाकर कोई काम करो जिसके बदले में धन मिलेगा, और घर में पेट भर खाना होगा.

पन्ना ने अपनी पत्नी की बात मान ली अब वह शहर जाने के लिए तैयार हो गया.

फिर अगले दिन पन्ना की पत्नी ने 7 रोटियां नमक मिर्च लगाकर बनाकर पन्ना को दीं, और कहा.

”ये 7 रोटियां हैं जो 7 दिनों के लिए बनायीं हैं, तुम एक रोटी रोज खाना तुम्हे शहर पहुँचने में 3 दिन लग जायेंगे, और बाकी 4 दिन में तुम्हे अवश्य ही काम मिल जाएगा.

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तुम वहां खूब मेहनत से काम करना और पैसे कमाना में तुम्हारी गैरहाजिरी में घर का पूरा ध्यान रखूंगी.

में खूब मेहनत करूंगा और खूब सारा पैसा कमाऊंगा यह कहकर पन्ना शहर की तरफ काम की तलाश में चल पड़ा.

शहर जाने के लिए जंगल से होकर गुजरना पड़ता था, वह जंगल बहुत घना था पन्ना को जंगल पार करते करते शाम हो गयी, और वह काफी थक चुका था इसलिए एक बड़े वृक्ष के निचे बैठ गया.

पन्ना को बहुत भूंख लगी थी उसने अपनी रोटियों की पोटली खोली और कहा- ये सात हैं में एक खाऊं दो खाऊं तीन खाऊं या सातों को ही खा जाऊं वह ये सब बातें अपने आप से कह रहा था.

पन्ना जिस पेड के निचे बैठकर आराम कर रहा था, उसी पेड पर सात परियां बैठीं हुईं थीं, जब उन परियों ने पन्ना की बातें सुनीं तो सोचने लगीं की शायद इस मनुष्य को हमारे विषय में पता चल गया है, और यह हमें खा जाना चाहता है.

वे सातों परियां ये सुनकर बहुत डर गयीं थीं,और पेड से निचे उतरकर पन्ना के सामने आकर खड़ी हो गयीं.

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पन्ना ने जब अपने सामने सुन्दर परियों को खड़े देखा तो आश्य्र्यचाकित रह गया और सोचने लगा की इस वीरान जंगल में इतनी खूबसूरत परियां कहाँ से आयीं और मुझसे क्या चाहतीं हैं.

वे परियां इतनी सुन्दर थीं की पन्ना बिना पलक झपकाए उन्हें लगातार देखे ही जा रहा था, उसकी नजर परियों से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी.

फिर पन्ना ने हिम्मत जुटाकर उन परियों से कहा- तुम सब कौन हो? और इस सुनसान घने जंगल में क्या कर रही हो.

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तब उन सातों परियों में से एक परी बोली – हे मनुष्य ! हम सब परियां हैं और परी लोक की रहने वाली हैं, परन्तु वहां हमसे कुछ गलती हो गयी थी जिसकी हमें ये सजा मिली की हम 27 दिन तक प्रथ्वी पर ही रहेंगी.

दिन भर तो हम यहाँ वहाँ घुमती रहीं और रात में आराम करने के लिए इस पेड पर आकर बैठी हैं.

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फिर दूसरी परी बोली – ”हे मानव ! तुम बताओ की तुम इस जंगल में रात में क्या कर रहे हो, और हमें क्यूँ खाना चाहते हो?.

तुम हमें छोड़ दो तो हम तुम्हारी मदद करेंगी, पहले तो पन्ना को उनकी बात सुनकर आश्चर्य हुआ|

परन्तु बाद में वह सारी बात समझ गया, और वह अपनी सारी बात उन परियों को बताने लगा|

उसने परियों को अपनी परेशानी बताई उसने परियों को बताया की वह वहुत गरीब है, इसी कारण उसका परिवार भूंख से तड़प रहा है.

अब वह काम की तलाश में और पैसा कमाने शहर जा रहा है, पन्ना की दुखभरी कहानी सुनकर परियों को दुःख हुआ तब उनमें से एक परी ने उसको पीतल की जादुई पतीली दी और कहा की तुम इस पतीली को घर ले जाओ.

जब भी तुम्हें भूंख लगे तभी सवा हाथ की धरती लीपकर वहां चूल्हे पर इस पतीली को चढ़ा देना, और जो भोजन चाहिए वही पतीली के से कह देना जो भी तुम पतीली से कहोगे वही भोजन इस पतीली में बन जाएगा, अब तुम्हारा परिवार भूंखा नहीं रहेगा और तुम आराम से रहना.

पन्ना को उन परियों की बातें आश्चर्यजनक लगीं, परन्तु उनपर विश्वाश करके वह उस पतीली को लेकर घर की ओर चल दिया, उसके जाने के बाद सभी परियां पेड पर चढ़ गयीं.

 

पन्ना सोच रहा था क्या ऐसा हो सकता है? क्या यह पतीली हमें हर रोज भर पेट भोजन देगी? क्या वास्तव में यह जादुई पतीली है?…

उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था | पन्ना जब घर लौट रहा था तो रास्ते में उसे रात हो गयी, दूर उसे एक झोंपड़ी नजर आ रही थी उसने सोचा रात में इसी झोंपड़ी में शरण ले ली जाये और वह उस झोंपड़ी के पास गया.

वहाँ उसने उस झोंपड़ी में रहने वाले आदमी से रात में रुकने की इजाजत मांगी, उस झोंपड़ी में एक धोबी अपनी पत्नी के साथ रहता था, उसने पन्ना को अपनी झोंपड़ी में बुला लिया और रात में सोने की आज्ञा दे दी.

पन्ना के हाथ में पतीली देखकर वे दोनों पति-पत्नी उस पतीली के बारे में पूंछने लगे तब पन्ना ने अपने सीधे स्वभाव से उस पतीली से जुडी सारी कहानी उनको बता दी.

और कहने लगा की ये जादुई पतीली है, पन्ना की बात सुनकर उन दोनों के मन में लालच आ गया और वे दोनों सोचने लगे यदि हम इस पतीली को चुरा लें तो हमारी सारी जिंदगी आराम से बीतेगी.

जब पन्ना सो गया तब उन्होंने उस पतीली के जैसी एक पतीली लाकर उस पतीली के स्थान पर रख दी और वह जादुई पतीली चुरा ली.

दूसरे दिन जब सुबह हुई तो पन्ना अपनी पतीली लेकर घर पहुंचा वह बहुत खुश था क्यूंकि उसकी समस्या का समाधान उसे अब मिल गया था, जब पन्ना की पत्नी ने पन्ना को देखा तो उसे बहुत आश्चर्य हुआ,

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उसने सोचा मैंने तो इन्हें शहर जाकर काम करने और पैसे कमाने के लिए कहा था, और दिन के लिए सात रोटियां भी दिन थीं परन्तु ये तो दुसरे दिन ही लौट आये आखिर क्या बात है.

उसने आश्चर्य से अपने पति से पूंछा, मैंने तो सात दिन के लिए सात रोटियां दीं थीं और तुमने दो दिन में ही खा लीं, पन्ना ने अपनी पत्नी को शांत करते हुए परियों से मिलने वाली उस पतीली के बारे में बताया.

उसने अपनी पत्नी से कहा तुम सवा हाथ धरती लीपकर चूल्हे पर इस पतीली को पानी से भरकर चढा दो उसकी पत्नी ने ऐसा ही किया, और पूरा परिवार चूल्हे के पास बैठ गया.

सभी परिवार वाले कढ़ी चावल खाना चाहते थे इसलिए पतीली रखते समय पन्ना से पतीली से कहा कधी चावल चाहियें.

बहुत देर तक पतीली में पानी उबलता रहा पानी उबालकर ख़तम हो रहा था, परन्तु कढी चावल का कहीं नाम नहीं था.

पन्ना की पत्नी बोली, ”यह बहुत देर से पक रहे हैं कहीं जल ना जाएँ इसलिए पतीली निचे उतार लूं.

पन्ना ने अपने पत्नी से कहा, ”हाँ तुम ठीक कहती हो अब पतीली को चूल्हे से निचे उतार दो.

 

Pari Ki Kahani In Hindi

जब पन्ना ने पतीली में झांक कर देखा तो कढ़ी-चावल की तो बात दूर थी ,उसमें जो पानी था वह भी बहुत कम रह गया था, देख देख पन्ना बहुत दुखी हुआ.

अगले दिन पन्ना की पत्नी ने पन्ना को सात रोटियां फिर से बना के दीं और कहा की अब किसी बहकावे में मत आना, में शहर जाकर खूब मेहनत से काम करूँगा ऐसा पन्ना ने मन में निश्चय किया और शहर जाने के लिए घर से निकल पड़ा.

वह जंगल में पहुँचकर उसी वृक्ष की निचे बैठ गया, अँधेरा होने लगा था पन्ना सोच रहा था की उन परियों ने मुझसे झूठ बोला है, इसलिए वह दुखी होने के साथ-साथ गुस्से में भी था.

वह रोटियों की पोटली खोलकर उसी प्रकार कहने लगा एक खाऊं, दो खाऊं, तीन खाऊं, या सातों को ही खा जाऊं.

परियों ने पन्ना की बात सुनी और पेड से निचे उतरीं पन्ना के पास जाकर पूंछने लगीं हमने तुम्हें जादुई पतीली दी थी उसका क्या हुआ?

तब पन्ना गुस्से से बोला तुमने मुझसे झूठ बोला था वह कोई जादुई पतीली नहीं थी, वह एक सामान्य पतीई थी.

पन्ना की बात सुनकर, परियों को बहुत आश्चर्य हुआ,

इस बार परियों ने पन्ना को जादुई चक्की दी और कहा तुम इस चक्की को ले जाओ इस चक्की की ये खास बात है की इसमें बिना गेहूं डाले ही तुम इससे जितना चाहें उतना आटा निकाल सकते हो.

क्यूंकि यह जादुई चक्की है इसे भी सवा हाथ की धरती लीपकर रखना और कहना हे !जादुई चक्की मुझे पेट भर आटा दो, इस चक्की से बिना गेहूं डाले ही आटा निकलेगा.

पन्ना वह चक्की लेकर घर की तरफ चल दिया, परन्तु लौटते समय उसे फिर रात हो गई, और उसने उसी झोंपड़ी में शरण ली.

उन दोनों पति-पत्नी ने इस बार पन्ना की खूब खातिर की अच्छा भोजन खिलाया पन्ना के साथ चक्की देखकर उसके बारे में पूंछा पन्ना ने फिर से उनको उस जादुई चक्की की विशेषता बता दी.

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पन्ना बहुत सीधा था उसे क्या मालूम था की ये लोग मककार हैं, उसने चक्की एक तरफ राखी और सो गया.

उन दोनों पति-पत्नी ने पहले की तरह वह चक्की भी बदल दी.

पन्ना चक्की लेकर अपने घर पहुँच गया पन्ना की पत्नी पन्ना को देखते ही क्रोध में भर गयी और बोली तुम फिर वापस आ गये? मुझे लगता है की तुम कोई काम करना ही नहीं चाहते.

पन्ना ने अपनी पति को शांत किया और कहा, ”सवा हाथ की धरती को लीपकर इस चक्की को रखो.

उसकी पत्नी ने ऐसा ही किया अब पन्ना ने कहा हे! जादुई चक्की हमें आटा दो, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, पन्ना फिर से बहुत निराश हुआ वह अपने परिवार के सामने नजरें भी नहीं उठा पा रहा था.

पन्ना ने फिरसे शहर जाने की तैय्यारी शुरू की और अपनी वही सात रोटियां लेकर शहर की तरफ चल दिया, साम होते-होते वह उसी जंगल में उसी पेड के निचे आकर बैठ गया.

और गुस्से में वही बात दोहराई जिसे सुनकर परियां उस पेड से निचे उतर आयीं, और पन्ना से कहने लगीं, तुम वापस क्यूँ आये हो? अब क्या हुआ?.

तुम बार-बार हमें क्यूँ परेशान करते हो, पन्ना बोल, ”तुमने मुझे दूसरी बार धोखा दिया है , परियां कहने लगीं हमनें तुम्हारे साथ कोई धोखा नहीं किया, वह वास्तव में एक जादुई चक्की थी.

लेकिन पन्ना ने उनकी बात नहीं मानी, अब परियां कहने लगीं हम अबकी बार तुम्हें एक घडा देंगे, इस घड़े को भी सवा हाथ धरती लीपकर उसके उपर रखना, और कहना हे! जादुई घड़े तुम हीरे मोतियों से भर जाओ, तो यह घडा हीरे मोतियों से भर जाएगा.

पन्ना ने फिर परियों की बात मान ली और अपने घर की तरफ चल दिया और रास्ते में उसी झोंपड़ी में रात बिताई और फिरसे उन दोनों पति-पत्नी को उस जादुई घड़े के बारे में सबकुछ बता दिया.

Pari Ki Kahani Hindi Mai

उन दोनों ने इस बार भी उसका घड़ा बदल दिया, सुबह होते ही पन्ना उस घड़े को लेकर अपने घर पहुंचा तो उसकी पत्नी उसको देखकर आगबबुला हो गयी, और कहने लगी की लगता है हमारी किस्मत में भूखों मरना ही लिखा है.

पन्ना ने पत्नी के गुस्से को शांत किया और उसकी विशेषता बताई, तब पत्नी शांत हुई परियों के कहे अनुसार सब किया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ.

उस घड़े से भी कुछ नहीं निकला पन्ना और उसकी पत्नी बहुत परेशान  हुए पन्ना की पत्नी ने पन्ना को समझाया मुझे लगता है तुम्हे कोई मुर्ख बना रहा है, अब तक तो तुम शहर जाकर कोई काम भी करने लगते.

मेरी बात मानो शहर चले जाओ रस्ते में किसी की भी बातों पर विश्वाश ना करना अबकी बार सीधे शहर ही जाकर रुकना.

पन्ना बहुत ही गुस्से में घर से निकल पड़ा और वह उसी पेड के निचे गया और जोर से चिल्लाने लगा की आज में तुम सातों को ही खा जाउंगा क्यूंकि तुमने मेरा पागल बनाया है.

पन्ना की बात सुनकर वो सातों परियां निचे आ गयीं, और हाथ जोड़कर खड़ी हो गई, उन्होंने पन्ना से प्रार्थना की, की हमने तुम्हारा पागल नहीं बनाया है.

हमने तुम्हें सभी चीजें जादू वाली  दीं हैं उनमें जादुई शक्तियां हैं, हमें लगता है की तुम्हारे साथ कोई और छल कर रहा है.

Pari Ki Kahaniya Hindi

उनमें से एक परी बोली हमें एक बात बताओ? क्या तुम अपने घर जाते समय कहीं रुकते हो या सीधे अपने घर जाते हो? हमें पूरी बात विस्तार से बताओ.

पन्ना बोला नहीं में सीधा घर नहीं जाता रास्ते में एक झोंपड़ी में रुकता हूँ उस झोंपड़ी में एक धोबी पति -पत्नी रहते हैं, में वहाँ रात गुजारने के लिए रुक जाता हूँ.

अब परियां समझ गयीं की वे दोनों पति-पत्नी ही पन्ना को धोका दे रहे हैं, उन्होंने पन्ना से कहा हे! मनुष्य वह दोनों बहुत लालची इंसान हैं, वे दोनों ही तुम्हें धोखा दे रहे हैं.

अब हम तुम्हें एक जादुई रस्सी और  जादुई डंडा दे रहे हैं , तुम उस झोंपड़ी में जाकर कहना हे डंडे और रस्सी तुम उस पर बरसो जिसने मेरा सामान चुराया था तब यह डंडा उनको तबतक मारता रहेगा जबतक वह तुम्हारी सारी चीजें वापिस नहीं कर देते.

अब पन्ना वह रस्सी और डंडा लेकर घर की तरफ वापिस लौटा और रस्ते में उसी झोंपड़ी में पहुंचा जहाँ वह हर बार रुकता था.

पन्ना को देखकर वह दोनों बहुत खुश हुए उन्होंने पन्ना से पूंछा, ”इस बार क्या लाये हो ? क्या इस डंडे और रस्सी में भी जादू है, तब पन्ना बोला, ”नहीं ऐसा नहीं है और सो गया.

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सुबह होने पर वह अपने घर जाने को तैयार हुआ वे दोनों भी उसके पास खड़े थे, तब उसने रस्सी और डंडे से कहा, ”की जिसने मेरी चीजें चुराई हैं तुम उनकी जमकर पिटाई करो.

पन्ना के इतना कहते ही रस्सी ने दोनों को बांध दिया और डंडे ने पीटना शुरू किया जब डंडे ने उन्हें पीट-पीट कर अधमरा कर दिया तब उन्होंने अपना जुर्म क़ुबूल कर लिया.

और पन्ना  से कहा, ”कृपा करके इस डंडे को रोक दो हम तुम्हारी सारी चीजें लौटा देंगे, फिर पन्ना ने अपने डंडे को रोक दिया, और वह सारा सामान लेकर घर पहुंचा और उन सब जादुई चीजों का चमत्कार अपनी पत्नी को दिखाया.

अब वह बहुत धनवान हो गये और अब उसकी पत्नी और बच्चे बहुत खुश थे, वह सब सुख-चैन से अपना जीवन बिताने लगे.

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Moralकिसी के साथ विश्वश्घात नहीं करना चाहिए जो मनुष्य दूसरों को धोखा देता है उसे उसकी सजा अवश्य मिलती है, सभी मनुष्यों को अपनी करनी का फल यहीं भोगना पड़ता हैं, ईश्वर सभी मनुष्यों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं 

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