Ghost Story in Hindi
बुलंदशहर जिले के रहने वाले रामसिंह जो की मजदुर थे फल बेचने का काम करते थे, जहाँ रामसिंह रहा रहते थे.
वहीँ पड़ोस में एक महिला अक्सर बहुत बीमार रहती थी, जोकि रिश्ते में रामसिंह के बड़े भाई के बेटे की पत्नी थी.
जिसका नाम कमलेश था कमलेश का बहुत इलाज कराने पर भी उसकी बीमारी ठीक नहीं हुई, और एक दिन उस बीमारी ने कमलेश की जान ले ली
वह सबकी बहुत लाडली थी अक्सर सबके प्यारे इंसान दुनिया से जल्दी चले जाते हैं, जब कमलेश के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी तब रामसिंह ने कमलेश की नाक से नथनी जिसको, ( लोंग )भी कहते हैं,उतार ली और अपने पास रख ली.
रामसिंह गाँव-गांव घूमकर फल बेचा करते थे जिसके कारण उन्हें घर लोटने में देर हो जाती थी.
Ghost Story in Hindi
एक दिन की बात है वह फल बेचकर घर लौट रहे थे. रात के करीब 11 बजे होंगे वह एक वीरान रास्ते से अपनी साइकिल से घर की ओर जा रहे थे, की अचानक उन्हें अपनी साइकिल पर वजन महसूस हुआ. और वह सोचने लगे की आज क्या हो गया मेरी साइकिल ऐसी क्यूँ चल रही है जैसे इसपर बहुत बोझ रक्खा हो?,
साइकिल के उपर वजन बढ़ता ही जा रहा था जिससे साइकिल चलाने में रामसिंह को काफी दिक्कत हो रही थी. तभी अचानक उन्होंने पीछे की तरफ मुडके देखा तो रामसिंह क्या देखते हैं एक डरावनी शक्ल की औरत उनकी साइकिल पर बैठी है रामसिंह पसीने-पसीने हो गए और बेहोश होकर सड़क पर गिर गए.
उसी रास्ते से २-3 व्यक्ति जा रहे थे, उनमें से एक रामसिंह को जानता था, व्यक्ति उन दोनों व्यक्तियों की सहायता से रामसिंह को उनके घर छोड़कर गया. सुबह रामसिंह की आंख खुली और रात की घटना से वह बहुत डर गए थे, इसलिए वह 4-5 दिन तक फल बेचने नहीं गये.
घर में उनकी पत्नी और बच्चे पूछते की क्या हुआ है, आप काम करने क्यूँ नहीं जाते? रामसिंह सोचने लगे की अगर मैंने वो घटना इन लोगों को बताई तो ये मुझे या तो पागल समझेंगे, या मुझे निकम्मा समझेंगे की काम ना करने का अच्छा बहाना निकाला है.
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गरीब आदमी अगर काम ना करेगा तो खायेगा क्या सोचकर 4-5 दिन के बाद रामसिंह अपने काम पर जाने लगे , पहले की तरह गाँव-गाँव जाकर फल बेचने लगे, आज फिर उन्हें घर जाने में देर हो गई थी. जैसे ही वह उस सुनसान रास्ते पर आये उनको एकदम से उसी दिन की घटना और उस औरत का भयानक चेहरा याद आ गया, अब वो अपनी साइकिल को तेजी से चलाने लगे.
तेज चलती साइकिल की रफ़्तार अचानक धीमी होती चली गई, रामसिंह बहुत ताकत लगा रहे थे लेकिन साइकिल की रफ़्तार थी जो और धीमी और धीमी हो रही थी
अब उन्हें ये यकीन हो गया की हो ना हो उस दिन वाली चीज ही मेरी साइकिल को रोक रही है, उन्होंने इस बार हिम्मत करके बिना पीछे मुड़े पूंछा कौन हो तुम, मुझे क्यूँ परेशान कर रही हो?
मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है साइकिल के पीछे से आवाज आई चाचा में कमलेश रामसिंह ने पूँछा कौन कमलेश और मुझसे क्या चाहती हो?..
तो उसने कहा-चाचा में कमलेश हूँ आपके भाई के बेटे की पत्नी तो रामसिंह ने कहा हाँ बेटा कमलेश क्या बात है और तुम मुझे डरा क्यूँ रही हो, तब कमलेश बोली चाचाजी आपके पास मेरी लोंग है जो आपने मेरे मरने के बाद मेरी नाक से निकाल ली थी. मैं बस उसी को लेने आई हूँ, मेरा आपको डराने का बिलकुल भी इरादा नही था, रामसिंह ने कहा ठीक है बेटा में तुम्हारी लॉन्ग वापिस कर दूंगा बड़े भैय्या को.
तो कमलेश ने कहा नहीं चाचाजी मेरी लॉन्ग को आप वहीँ रखना जहाँ पर मेरा अंतिम संकार हुआ था. दुसरे दिन उन्होंने वैसा ही किया जैसा कमलेश ने कहा, उस लोंग को अंतिम संस्कार वाली जगह पर रख आये उस दिन के बाद फिर कभी कमलेश रामसिंह को दिखाई नहीं दी.
तो दोस्तों कैसी लगी आपको ये सच्ची कहानी Ghost Story in Hindi कमेंटमें बताना ना भूलें.
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