प्यार मोहब्बत के किस्से हुए बेकार तब,
अंदर देखा तो दिल के हिस्से हुए हजार जब !
तुम दर्द दोगे वह भी कुबूल होगा,
बस कह देना दिल से दिया है !
हकीकत से रूबरू तो पहले से हूं अपनी,
बस ख्वाबों का सिलसिला है जो थमता ही नहीं !
अपनी जान किसी और पर लुटा पाऊंगा नहीं,
तू चली गई तेरे बाद किसी और से मोहब्बत कर पाऊंगा नहीं !
कैसे कहूँ दिल का दर्द दिल की दुनिया उजाड़ गया कोई,
मरा हुआ समझ हमें जिस्म पर फूल चढ़ा गया कोई !