दिल में छिपी यादों में में सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो अपनी आँखों में उतारूँ तुझे,
तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊं,
गर सो भी जाऊं तो ख्याबों में पुकारूँ तुझे !
करोगे याद हमको और मिलने की दुआ मांगोगे,
कहाँ गये वो प्यारे दिन रो रोके सोचोगे !
बेवफा हम हैं एलान किये देते हैं,
हम तेरे काम को आसान किये देते हैं !
आज तक मुझे किसी ने रूह तक का पता दिया ही नहीं,
सिर्फ जिस्म तक जाकर लौट आना मेरी फितरत में नहीं था !
तू मेरे मुक़द्दर का तमाशा ना बना,
हर शक्श को मांगने से ग़ुरबत नहीं मिलती,
उस शक्श की उल्फत में गिरफ्तार है ये दिल,
जिस शक्श को मेरे लिए फुर्सत नहीं मिलती !